सौराष्ट्र तमिलगम – सहस्राब्दियों से संबंध

500.00

एक ने निभाया वादा- आश्रय का, दूसरे ने किया पोषण – कला का ।
एक के पास सेतु समुंदरी, दूसरे के पास द्वारिका समुंदरी।
एक द्रविड़ का दक्षिण छोर, दूसरा उत्तर पश्चिम ओर ।

- +

तमिलगम की परतों में एक अद्भुत सौराष्ट्रिय समुदाय है। एक रेशम बुनने वाला समुदाय, जिसने स्वयं को सुचारू और निर्बाध रूप से तमिलगम में बुन लिया है।
वे यहां क्यों और कैसे पहुंचे? यह इतना प्रगाढ़ जोड़ कैसे बना?
यदि हम आगे अन्वेषण करें, तो पाएंगे कि वृत्तांत की डोर यहीं नहीं रुकती यह समय और भूगोल में बहुत पीछे चली जाती है।
यह पुस्तक सौराष्ट्र और तमिलगम के बीच अलग- अलग समय और विभिन्न पहलू से भरे, निरंतर, सहस्राब्दी पुराने जुड़ाव का पता लगाने और उसे प्रदर्शित करने का एक प्रयास है।

Weight 350 g
Dimensions 14.7 × 5 × 21.9 cm
Author

Imprint

Bharath Gyan

ISBN 13

9788196035747

Preloader Image
0
    0
    Your Cart
    Your cart is emptyReturn to Shop
    सौराष्ट्र तमिलगम - सहस्राब्दियों से संबंधसौराष्ट्र तमिलगम – सहस्राब्दियों से संबंध
    500.00
    - +
    Scroll to Top